बाल विकास के अध्ययन का महत्व (Important of study of child development)
बाल- विकास के अध्ययन से अभिभावकों तथा माताओं को लाभ है –
- बाल पोषण का ज्ञान : बालक गर्भ में आने से लेकर संसार में प्रथम दर्शन देने तक सम्पूर्ण प्रक्रिया जरुरी होता है ! अगर अभिभावक अपने बच्चे का देखभाल क्रमिक भावी ज्ञान, माता तथा उसके संरक्षक करेंगे तो उचित देखभाल हो सकेगा ! मातृत्व और पितृत्व दायित्व जैसे आधारभूत प्रश्नों का उत्तर बाल विकास के गंभीर अध्यन से ही संभव है !
- अभिभावक का ज्ञान : यौन सम्बन्धी प्रतिक्रियाओ से ही नर-नारी अभिभावक पालन के विकास का आज पारिवारिक तथा समाजिक जीवन की महत्वपूर्ण उपलब्धि बन गया है ! व्यक्ति तथा समाज के कल्याण में रूचि रखने वाले मनोविज्ञान, शिक्षक, अभिभावक, सामाजिक कार्यकर्ता बालकों के विकास के अध्ययन को महत्व देना चाहिये !
- बालको का सामान्य व्यवहार : एक अध्ययन से सामने आया है की 2% बालक असामान्य रूप से विकसित होते हैं ! बाल विकास का अध्ययन अभिभावकों को इस बात के लिए प्रेरित करता है कि उनका व्यवहार एवं विकास सामान्य हो ; तभी वे दोनों समाज के लिए उपयोगी हो सकते हैं !
- बालकों का विश्वास : प्राय : यह देखा जाता है कि बालक अपने माता-पिता से झूट बोलते हैं ! बालक अपने माता पिता का विश्वास खो बैठता है ! दोनों में सद्भाव विकसित होने पर विश्वास बना रहता है !
- विकास की अवस्थाओं का ज्ञान : बालक के शैशवावस्था से प्रोढ़ावस्था के दौरान क्या -क्या परिवर्तन शारीरिक, मानसिक, संवेगात्मक, सामाजिक, नैतिक, और भाषा सम्बन्धी बदलाव को ध्यान में रखना होता है !
- समाजीकरण का ज्ञान – इसी अवस्था में बालक समाज का उपयोगी बनता है ! वह किस प्रकार से समाज में व्यवहार करता है वह अपने समाज में किस प्रकार की भूमिका निभा पते हैं यह उनके समाजीकरण के शिक्षा पर निर्भर करता है !
- बालक का व्यक्तित्व
- खेल और बालक
- स्वास्थ्य
- शैक्षिक प्रक्रिया आदि का बहुत महत्वपूर्ण होता है !